प्लास्टिक का दाना बनाने का बिज़नेस कैसे शुरू करें तथा प्लास्टिक की बड़ी वस्तुएं बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें 2023 में| HOW TO START PLASTIC GRANULES AND LARG PLASTIC ITEMS MAKING BUSINESS IN HINDI

 प्लास्टिक का दाना बनाने का बिज़नेस कैसे शुरू करें तथा प्लास्टिक की बड़ी वस्तुएं बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें 2023 में | PLASTIC GRANULES AND LARG PLASTIC ITEMS MAKING PROCESS

प्लास्टिक की छोटी वस्तुएं तो पांच से दस हजार रुपये मूल्य तक ही हाथ के दबाव से काम करने वाली मशीनों पर तैयार की जाती हैं, परन्तु बाल्टी और टब जैसी वस्तुओं के निर्माण में काफी प्लास्टिक लगता है तथा बहुत अधिक मात्रा में भीषण दबाव के साथ पिघला हुआ प्लास्टिक डाइयों के अन्दर भरा जाता है। इस प्रकार की वस्तुओं का निर्माण नीचे प्रदर्शित ऑटोमेटिक इन्जेक्शन मोल्डिंग मशीनों पर किया जाता है। माप और क्षमता के अनुसार पांच से दस लाख रुपये के मध्य आती हैं। इनकी डाइयों का मूल्य भी वस्तु के माप और डिजाइन के अनुरूप पचास से सत्तर हजार रुपये के मध्य पड़ ही जाता है। परन्तु कार्यकारी पूंजी मात्र 2 लाख रुपये तक ही चाहिए। छोटे से प्लांट की शुरुआत करने के लिए। इन मशीनों के विशिष्ट पात्र में पर्याप्त मात्रा में प्लास्टिक का दाना भरकर मशीन चालू कर दी जाती है।



प्लास्टिक का दाना बनाने का बिज़नेस कैसे शुरू

वांछित मात्रा में दाना स्वयं हॉपर में जाता रहता है। इसकी डाई स्वयं आगे-पीछे आतीजाती और खुलती तथा बन्द होती रहती है। डाई से निकलकर पिघला हुआ प्लास्टिक भारी दबाव के साथ डाई के अन्दर जाता रहता है। वर्कर को कुछ नहीं करना पड़ता। परन्तु मशीन के पात्र में प्लास्टिक का दाना भरने से पूर्व पॉलीथिन की थैलियों के समान ही तीस-पचास हजार रुपये मूल्य का हल्का मिक्सर लगे हुए ड्रम में कुछ समय चलाकर उसकी नमी तो निकालनी ही पड़ती है। जहां तक स्थान का प्रश्न है, मशीन के लिए छह-सात मीटर लम्बा और दो-ढाई मीटर चौड़ा स्थान पर्याप्त रहता है। लगभग इतना ही स्थान प्लास्टिक के दानों के बैग तथा तैयार माल रखने के लिए चाहिए।


भूमि के समानान्तर लेटी हुई अवस्था में सेट की जाने वाली इस मशीन का हॉपर डाई तक नहीं जाता, बल्कि काफी दूर आगे से आकर डाई के मुंह के अन्दर हॉपर का नोजल सेट होता है। एक ही मशीन पर डाइयां अदल-बदलकर उसकी अधिकतम दापता के भार तक का प्लास्टिक लगाने वाली सभी वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। जब आप इस प्रकार की मशीन लगाकर एक साथ कुछ दर्जन बैग नया दाना खरीदते हैं, तब डिस्ट्रीब्यूटर और होल सेलर निर्माताओं द्वारा छापे गये प्रत्येक प्रकार के प्लास्टिक की विस्तृत जानकारी देने वाले बॉशर्स दे ही देते हैं। वैसे बड़ी वस्तुएं बनाते समय पुराने प्लास्टिक के बने दानों का प्रयोग होता है।



प्लास्टिक का दाना बनाने में लगने वाली मशीन व कीमत

 

  • डस्ट क्लीनर                                    1,80000 रु 
  • प्लास्टिक स्क्रैप ग्राइंडर                    1,50000 रु 
  • वाशिंग मशीन                                  2,00000 रु   
  • कन्वेयर मशीन                                2,00000 रु  
  • फ्लिम ड्रायर मशीन                          2,75000 रु 
  • एगग्लोमेरेटर मशीन                        2,75000 रु
  • प्लास्टिक रीसाईकलिंग मशीन         9,50000 रु 

अतः सभी मशीनों की कुल लागत 23 लाख 30 हजार रु इन मशीनों को आप इंडिया मार्ट डॉट कॉम के माध्यम से डायरेक्ट मशीन मनुफेक्चरर से बात संपर्क कर के खरीद सकते हैं। 

प्लास्टिक का दाना बनाने में लगने वाली जगह(एरिया) 

प्लास्टिक का दाना बनाने के व्यपार को शुरू करने के लिए आपको लगभग 1,000 वर्ग फुट जगह की जरुरत पड़ेगी। जहां पर आप सभी प्रकार की मशीनें व स्क्रैप,तैयार प्लास्टिक के डाने व अन्य सभी प्रकार के मशीनों को रखने की जगह शामिल हैं।   


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प्लास्टिक का दाना बनाने में लगने वाला लाइसेंस 

प्लास्टिक के दाने  बनाने के बिज़नेस में लगाने वाले लाइसेंस की बात करें तो आपको कुछ लाइसेंसों की जरुरत पड़ती है जो कुछ इस प्रकार हैं -

  • उद्यम रेजिस्ट्रेशन 
  • GST रेजिस्ट्रेशन 

पुराने प्लास्टिक से दाना कैसे बनायें 


एक बड़ी मशीन लगाना सर्वाधिक लाभप्रद सिद्ध हो सकता है पुराने प्लास्टिक से दाना बनाना। बिजली के तारों पर पी०वी०सी० की कोटिंग चढ़ाने और पाइप बनाने वाली मशीन पर ये दाने बनाये जाते हैं। यह दाना बनाने के लिए किसी भी डाई की आवश्यकता नहीं पड़ती। मशीन में डाई लगाने की व्यवस्था नहीं होती। कई मापों के नोजल अदल-बदलकर एक ही मशीन पर लगाये जा सकते हैं। पुराने प्लास्टिक का दाना बनाते समय दाने की मोटाई के माप का नोजल लगाया जाता है और नोजल के आगे लगाकर पतले पाइप को दानों की लम्बाई में काटता रहता है। कटे हुए दाने नीचे ठण्डा साफ पानी भरी में गिरते और तुरन्त ठण्डे होते रहते हैं। इस कार्य के लिए पूंजी निवेश तो अधिक नहीं चाहिए, परन्तु पर्याप्त स्थान, पानी और एकाध दर्जन वर्कर चाहिए।

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प्लास्टिक का दाना बनाने में लगने वाला रॉ मैटेरियल्स 


प्लास्टिक का दाना बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक की वस्तुएं कबाड़ियों से खरीदी जाती हैं। विभिन्न प्रकार के प्लास्टिकों से बनी वस्तुओं को अलग-अलग छांटने के बाद अच्छी तरह धोकर सुखाया जाता है। लीफ चिपिंग मशीन पर वस्तुओं के बारीक टुकड़े काटने अथवा कूटकर चूरा करने के बाद इस चूरे को मिक्सिंग ड्रम में डालने के बाद स्टेबलाइजर मिलाकर भली प्रकार मिलने तथा नमी निकलकर थोड़ा गरम होने तक चलाया जाता है। इस नमीरहित चूरे को मशीन के पात्र में भरकर दानों का रूप दिया जाता है। इस कार्य में आपके द्वारा निर्मित दाने की क्वालिटी और लागत मूल्य प्लास्टिक की पुरानी वस्तुएं चैक करने तथा ठीक दर पर खरीदने पर निर्भर करता है।


प्लास्टिक का दाना बनाने के व्यापार में लगने वाली कुल लागत 


प्लास्टिक का दाना बनाने के बिज़नेस को आप 25 से 30 लाख की इन्वेस्टमेंट में शुरू किया जा सकता है। 
  

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प्लास्टिक के पाइप तथा विद्युत केबल कैसे बनायें 


बिजली की अण्डरग्राउण्ड फिटिंग के लिए दीवारों और लेण्टर में लगाये जाने वाले प्लास्टिक के पाइप तथा बिजली के मोटे-पतले सभी प्रकार के तारों पर प्लास्टिक की कोटिंग चढ़ाने का कार्य भी इसी मशीन पर किया जाता है। इन कार्यों के लिए किसी डाई की आवश्यकता नहीं पड़ती, केवल नोजल बदलना पड़ता है। जहां तक बड़ी मशीनों पर कोई भी वस्तु बनाने का प्रश्न है, प्लास्टिक के दानों को मशीन में डालने से पहले पॉलीथिन को थैलियों के समान ही गोल ड्रम टाइप मिक्सर में चलाकर इनकी नमी निकाली जाती है। तारों पर प्लास्टिक चढ़ाने तथा पाइप बनाने के लिए अधिक कठोर और कीमती प्लास्टिक के दानों का प्रयोग नहीं किया जाता। इन कार्यों के लिए अधिक भार वाले पॉली विनायल क्लोराइड का प्रयोग सर्वश्रेष्ठ रहता है। सर्वश्रेष्ठ पाइप तथा पोटे बिजली के तार नये पी०वी०सी० दाने में पांच प्रतिशत के लगभग स्टेबलाइजर और एक प्रतिशत स्मूथर मिलाकर तैयार किये जाते हैं। स्टेबलाइजर के रूप में अधिकतर ट्राई बेसिक लेड सल्फेट का और चिकनाई प्रदायक स्मूथर के रूप में कैल्शियम स्टीयरेट का प्रयोग किया जाता है। जो निर्माता इन दोनों रसायनों के बारे में नहीं जानते, वे पी०वी०सी० के दाने सीधे ही मशीन में भरकर भी यह कार्य कर लेते हैं, परन्तु ये केबल और पाइप कट-फट और टूट भी जल्दी जाते हैं। सस्ती क्वालिटी के रंगीन पाइप और पतले तार प्रायः ही पी०वी०सी० के पुराने दानों के बनाये जाते हैं, परन्तु पुराना दाना खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि उसमें अन्य प्लास्टिकों अथवा भर्ती के पदार्थों का अधिक मिश्रण न हो। वैसे सिद्धान्तों से अधिक ये चीजें व्यावहारिक सुविधा, आपके अनुभव और बाजार की मांग पर निर्भर करती हैं।

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